राजपत्र अधिसूचना के अनुसरण में, दिनांक 16.09.2012, 13.01.2003 एवं 21.06.2018 को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग), भारत सरकार, निम्नलिखित सेवाओं को एनसीडीसी द्वारा वित्तपोषण के लिए "सेवा सहकारिताओं" के अंतर्गत शामिल किया गया है:
- सहकारिताओं के माध्यम से कृषि ऋण
- अवसंरचनात्मक निर्माण के लिए ऋण सहकारिताओं को सहायता प्रदान करना
- स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पर्यटन एवं आतिथ्य, परिवहन, नवीकरणीय तथा ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत एवं ग्रामीण आवासीकरण जैसी गतिविधियों के लिए सेवा सहकारिताओं को सहायता प्रदान करना
- श्रम सहकारिताएँ
- सहकारिताओं द्वारा किए गए ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण कार्यों/ सेवाएं, सिंचाई, सूक्ष्म सिंचाई
- सहकारिताओं के माध्यम से पशुओं की देखभाल / स्वास्थ्य, रोगों की रोकथाम
- सहकारिताओं के माध्यम से ग्रामीण स्वच्छता / जल-निकासी / सीवेज सिस्टम
- सहकारिताओं के माध्यम से कृषि बीमा
कृषि ऋण के तहत, कृषि तथा गैर-कृषि गतिविधियों के लिए उत्पादन/ कार्यशील पूंजी/ आकस्मिक ऋण आवश्यकता हेतु अपने सदस्यों की अल्पकालिक ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में कृषि ऋण सहकारिताओं (पैक्स, पीसीएआरडीबी, डीसीसीबी, एससीएआरडीबी, एससीबी इत्यादि) को कार्यशील पूंजी सहायता प्रदान की जाती है ।
अवसंरचनात्मक ऋण के अंतर्गत, कृषि ऋण सहकारिताओं की संरचना/ आधुनिकीकरण, विस्तार, मरम्मत, नवीनीकरण आदि के लिए अवसंरचनात्मक सुविधाओं जैसे शाखा/ कार्यालय भवन, काउंटर, स्ट्रांग रूम, सुरक्षित डिपॉजिट वाल्ट, वाहन, फर्नीचर एवं फिक्सचर आदि के लिए सहायता प्रदान की जाती है ।
विस्तृत रूप से श्रम सहकारिताओं की विकास योजना निम्नलिखित को सम्मिलित करेगी:
- श्रम सहकारिताओं को शेयर पूंजी आधार/ मार्जिन मनी सहायता को मजबूत करना
- निर्माण संबंधित मशीनों और उपकरणों की खरीद, उपकरण व श्रम सहकारिताओं के रूप में लोडिंग / अनलोडिंग / पैकिंग उपकरण से संबंधित है
- श्रम सहकारिताओं द्वारा सेवा परिसर/ गोदाम की स्थापना/ निर्माण
योग्य सहकारी समितियाँ
एनसीडीसी प्राथमिक, जिला एवं राज्य स्तरीय सहकारिताओं को या तो सीधे या राज्य सरकारों के माध्यम से सहायता प्रदान करता है ।
वित्त पोषण के तरीके:
योग्य सहकारिताओं को राज्य सरकार के माध्यम से या सीधे वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है
सहायता की मात्रा एवं सहायता का पैटर्न
अलग-अलग गतिविधियों में यह भिन्न- भिन्न होता है और अधिकांश गतिविधियों के लिए कुल लागत का 90-95% तक होता है । हालांकि, शेयर पूंजी आधार/ मार्जिन मनी/ कार्यशील पूंजी सहायता को मजबूत करने के मामले में, सहायता 100% तक हो सकती है ।
सहायता के विस्तृत पैटर्न के लिए कृपया दिए गए लिंक पर क्लिक करें ।
‘युवा सहकार – कोआपरेटिव इंटरप्राइज सपोर्ट एंड इन्नोवेशन स्कीम’
नवगठित सहकारिताओं को प्रोत्साहित करने के लिए विशेषकर नए/ नवाचार विचार वाले समितियों द्वारा नवीन उपक्रमों का लाभ उठाएं, एनसीडीसी ने एक नई योजना शुरू की है जिसका शीर्षक है, "युवा सहकार - कोआपरेटिव इंटरप्राइज सपोर्ट एंड इन्नोवेशन स्कीम” (युवा सहकार सहकारी उद्यम सहायता एवं नवाचार योजना) जो एनसीडीसी द्वारा बनाई गई एक सहकारी स्टार्ट-अप एवं इनोवेशन फंड से जुड़ी है । कृपया योजना के विवरण के लिए क्लिक(click) करें ।
सीधे वित्त-पोषण हेतु मानदंड
न्यूनतम तीन वर्षों के लिए संचालित करने तथा मुख्य रूप से निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करने वाले सहकारिता के लिए योग्य पात्र हैं:
- निवल मूल्य सकारात्मक होना चाहिए ।
- शेयर पूंजी में कोई क्षरण नहीं होना चाहिए ।
- 1.25 से 1.5 गुना सुरक्षा प्रदान करने की स्थिति में होना चाहिए ।
- सहकारिता का वित्तीय/ परिचालन प्रदर्शन एनसीडीसी के लिए संतोषजनक होना चाहिए ।
सीधे वित्त-पोषित के विस्तृत मानदंडों के लिए कृपया दिए गए लिंक पर क्लिक करें ।
एनसीडीसी की योजना के अंतर्गत सहायता के लिए सामान्य ऋण आवेदन प्रपत्र (Common Loan Application Form) एनसीडीसी की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है ।
अधिक जानकारी के लिए, कृपया संपर्क करें या लिखें:
ऋण, औद्योगिक सहकारिता एवं सेवा सहकारिता प्रभाग
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम
4, सीरी इंस्टीट्युशनल एरिया, हौज़ खास,
नई दिल्ली – 110016
पीएबीएक्स नं.: +91-011-26965346
फैक्स: +91-011-26962370, 26516032
वेबसाइट: www.ncdc.in
ई-मेल: mail@ncdc.in
एनसीडीसी के क्षेत्रीय निदेशालय:
बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, देहरादून, गांधीनगर, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, पटना, पुणे, रायपुर, रांची, शिमला, तिरुवनंतपुरम ।