X. कि‍सी वि‍शि‍ष्‍ट मामले पर नि‍र्णय लेने हेतु प्रलेखि‍त पद्धति‍/नि‍र्धारि‍त पद्धति‍/परि‍भाषि‍त मापदंड/नि‍यम

  • राज्य सरकारों के माध्यम से वित्त पोषित प्रस्ताव 
    • निर्धारित ऋण आवेदन पत्र पर राज्य सरकार से प्रस्ताव प्राप्त होने पर, एनसीडीसी आवश्यकतानुसार डेस्क या फील्ड मूल्यांकन करता है। 
    • करोड़ रुपये तक की सहायता वाले प्रस्तावों को संबंधित क्षेत्रीय निदेशकों द्वारा क्षेत्रीय स्क्रीनिंग समिति के परामर्श से स्वीकृत किया जाता है। क्षेत्रीय निदेशकों को निगम के संसाधनों से सब्सिडी को छोड़कर मूल स्वीकृति राशि में 20% तक की वृद्धि पर विचार करने का भी अधिकार है। 
    • करोड़ रुपये तक की सहायता के प्रस्तावों पर, संबंधित प्रभागीय स्क्रीनिंग समितियों के परामर्श से प्रभाग प्रमुखों द्वारा विचार किया जाता है। इन समितियों को निगम के संसाधनों से प्राप्त सब्सिडी को छोड़कर, मूल स्वीकृति राशि में 20% तक की वृद्धि पर विचार करने का भी अधिकार है। 
    • एनसीडीसी की 1.00 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता के प्रस्तावों पर प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में आंतरिक जांच समिति द्वारा विचार किया जाता है। 
    • परियोजनाओं के लिए अधिकतम 50.00 करोड़ रुपये और कार्यशील पूंजी ऋण के मामले में 300 करोड़ रुपये (बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अनुमोदन के अधीन) तक के प्रस्तावों/परियोजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार है। उन्हें 20% तक की वृद्धि को मंजूरी देने का भी अधिकार है। 
    • ऐसे प्रस्ताव, जिनमें एनसीडीसी की सहायता परियोजना ऋण के लिए 50.00 करोड़ रुपये से अधिक तथा कार्यशील पूंजी ऋण के लिए 300.00 करोड़ रुपये से अधिक है , आंतरिक जांच समिति की मंजूरी के बाद अनुमोदन के लिए बीओएम के समक्ष रखे जाते हैं। 
    • धनराशि स्वीकृति की शर्तों के अनुसार जारी की जाती है। 
  •  सहकारी समितियों को प्रत्यक्ष वित्तपोषण 
    • सहकारी समितियों द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त करने के प्रस्ताव निर्धारित ऋण आवेदन पत्र में सीधे एनसीडीसी को प्रस्तुत किए जाते हैं। 
    • प्रस्तावों की पहले संबंधित प्रभाग में जांच की जाती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या ये प्रत्यक्ष वित्तपोषण के लिए पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। 
    • इसके बाद, प्रस्तावों को प्री-स्क्रीनिंग समिति के समक्ष रखा जाता है, जो प्रत्यक्ष वित्तपोषण के लिए प्रस्तावों की उपयुक्तता निर्धारित करती है और यदि हां, तो क्या परियोजना का विस्तृत मूल्यांकन किया जाना आवश्यक है। 
    • प्री-स्क्रीनिंग समिति की मंजूरी के बाद, प्रबंध निदेशक द्वारा गठित टीम द्वारा क्षेत्र मूल्यांकन किया जाता है। 
    • करोड़ रुपये तक की सहायता वाले प्रस्तावों को संबंधित क्षेत्रीय निदेशकों द्वारा क्षेत्रीय स्क्रीनिंग समिति के परामर्श से स्वीकृत किया जाता है। क्षेत्रीय निदेशकों को निगम के संसाधनों से सब्सिडी को छोड़कर मूल स्वीकृति राशि में 20% तक की वृद्धि पर विचार करने का भी अधिकार है। 
    • करोड़ रुपये तक की सहायता के प्रस्तावों पर, संबंधित प्रभागीय स्क्रीनिंग समितियों के परामर्श से प्रभाग प्रमुखों द्वारा विचार किया जाता है। इन समितियों को निगम के संसाधनों से प्राप्त सब्सिडी को छोड़कर, मूल स्वीकृति राशि में 20% तक की वृद्धि पर विचार करने का भी अधिकार है। 
    • एनसीडीसी की 1.00 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता के प्रस्तावों पर प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में आंतरिक जांच समिति द्वारा विचार किया जाता है। 
    • परियोजनाओं के लिए अधिकतम 50.00 करोड़ रुपये और कार्यशील पूंजी ऋण के मामले में 300 करोड़ रुपये (बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अनुमोदन के अधीन) तक के प्रस्तावों/परियोजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार है। उन्हें 20% तक की वृद्धि को मंजूरी देने का भी अधिकार है। 
    • ऐसे प्रस्ताव, जिनमें एनसीडीसी की सहायता परियोजना ऋण के लिए 50.00 करोड़ रुपये से अधिक तथा कार्यशील पूंजी ऋण के लिए 300.00 करोड़ रुपये से अधिक है , आंतरिक जांच समिति की मंजूरी के बाद अनुमोदन के लिए बीओएम के समक्ष रखे जाते हैं। 
    • धनराशि स्वीकृति की शर्तों के अनुसार जारी की जाती है। नोट: आंतरिक रूप से लिए गए सभी प्रमुख निर्णयों और अनुमोदनों की रिपोर्ट प्रबंधन बोर्ड और महापरिषद को उनकी आगामी बैठकों में दी जाती है। 

नोट:आंतरि‍क रूप में लि‍ये गये सभी मुख्‍य नि‍र्णय‍ और अनुमोदन आगामी बैठकों में प्रबंध मंडल और सामान्‍य परि‍षद के समक्ष सूचनार्थ रखे जाते हैं ।‍‍‍